श्री इन्द्रजीत सिंह आई.ए.एस.
शिक्षा समाज का स्वरुप निर्धारित करता है| शिक्षा का जैसा स्तर होता है वैसा ही समाज बनता है| शिक्षा के माध्यम से नयी पीढ़ी अपने भविष्य के सपनो को साकार करती है|
श्री यमुनाधर चौहान
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शिक्षा समाज का स्वरुप निर्धारित करता है| शिक्षा का जैसा स्तर होता है वैसा ही समाज बनता है| शिक्षा के माध्यम से नयी पीढ़ी अपने भविष्य के सपनो को साकार करती है| शिक्षको के नि:स्वार्थ शैक्षणिक योगदान से शिष्य अपने जीवन की राह चुनने में समर्थ होता है| शिक्षा व्यक्ति के सर्वांगीण विकास के साथ-साथ सामाजिक एवं सांस्कृतिक विरासत का संरक्षण भी करती है| नगर निगम डिग्री कॉलेज विगत 17 वर्षों से शिक्षा के क्षेत्र में अपने योगदान के लिए प्रयत्नशील रहा है| महाविद्यालय का स्वस्थ शैक्षणिक एवं अनुशासित वातावरण महाविद्यालय में अध्ययन हेतु छात्र-छात्राओँ के आकर्षण का मुख्य कारण रहा है| आर्थिक रूप से पिछड़े तथा प्रतिभावान छात्रों को विशेष सुविधा प्रदान कर उन्हें समाज की मुख्य धारा में सम्मिलित करना महाविद्यालय का लक्ष्य है , जिसमे हमे अभीष्ट सफलता प्राप्त हुई है| महाविद्यालय के शिक्षक एवं छात्र / छात्राएं अनुशासन में रहकर नवीन भारत के निर्माण में अपनी सकारात्मक भूमिका निभाएंगे , ऐसा मेरा विश्वास है|